आपकी खफा में भी अनोखा अंदाज़ है
इन आसुओं में भी एक अजीब सा मज़ा है
खफा होकर इन लम्हों को यूँ गवारा न कीजिये
मोहबत का आलम है कुछ तो कदर किया कीजिये
बीत जाएंगे पल, फिर आये न आये!
ऐक बार ही सही, इस दिल पर भी ऐतबार कर लीजिये
इन आसुओं में भी एक अजीब सा मज़ा है
खफा होकर इन लम्हों को यूँ गवारा न कीजिये
मोहबत का आलम है कुछ तो कदर किया कीजिये
बीत जाएंगे पल, फिर आये न आये!
ऐक बार ही सही, इस दिल पर भी ऐतबार कर लीजिये