Friday, March 23, 2018

गुज़र न जाए यह पल

आपकी खफा में भी अनोखा अंदाज़ है
इन आसुओं में भी एक अजीब सा मज़ा है

खफा होकर इन लम्हों को यूँ गवारा न कीजिये
मोहबत का आलम है कुछ तो कदर किया कीजिये

बीत जाएंगे पल, फिर आये न आये!
ऐक बार ही सही, इस दिल पर भी ऐतबार कर लीजिये

































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